संघर्ष का पर्याय है टी नटराजन के जीवन की पूरी कहानी

भारत के बाएं हाथ के युवा तेज गेंदबाज टी नटराजन की कहानी सिल्वर स्क्रीन के लिए धमाकेदार स्क्रिप्ट है। जिसपर अगर फिल्म बने तो ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है। नटराजन की कहानी में मेहनत, बलिदान, ड्रामा और लगन का अनूठा मिश्रण है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
शुरुआती जीवन
टी नटराजन का जन्म 27 मई सन् 1991 में तमिलनाडु के सालेम जिले में हुआ था। उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे और मां फास्ट फूड की दुकान चलाती थीं। उनके पांच भाई-बहन हैं और उनमें नटराजन सबसे बड़े हैं। नटराजन ने साल 2018 में पवित्रा से शादी रचाई और साल 2020 में उनके घर में एक नन्ही परी ने दस्तक दी।
बदनसीबी बनी ताकत
थंगारासू नटराजन ने गरीबी को काफी करीब से देखा है, जहां उन्हें एक जून के भोजन तक की चुनौती रहती थी। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे, जो कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करते थे। नटराजन शुरू से ही इस बात के खिलाफ थे और उन्होंने इसी बदनसीबी को अपनी ताकत बना लिया।
ऐसे मिला टीम इंडिया में मौका
बेकारी के जीवन को अपनी मेहनत व लगन से मात देकर नटराजन वर्तमान समय में टीम इंडिया के मुख्य तेज गेंदबाजों की कतार में खड़े हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नटराजन को स्पिनर वरुण चक्रवर्ती के चोटिल होने के चलते टी-20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। उसके बाद उन्हें वनडे टीम में भी शामिल किया गया। दौरा आगे बढ़ा और भारतीय टेस्ट टीम के नेट बॉलर के रूप में नटराजन को ऑस्ट्रेलिया में रोक लिया गया। लेकिन लगातार चोटों से परेशान भारतीय टेस्ट टीम में भी नटराजन ने जगह बना ली। उनकी अबतक की क्रिकेट यात्रा बड़ी ही जीवट और गौरव की प्रतीक रही है।
क्रिकेट के जुनूनी हैं नटराजन
नटराजन के लिए क्रिकेट एक जुनून है। उनकी कहानी में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, जिसकी शुरुआत चिन्नाप्पांपट्टी की धूल भरी गलियों से हुई थी। जो आगे चलकर सलेम से होते हुए तमिलनाडु प्रीमियर लीग और आईपीएल में पहुंच गई। आईपीएल 2020 उनके लिए सबसे अहम साबित हुआ और यूएई के प्रदर्शन के बूते वह टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाब हुए। उसके बाद की कहानी में उनकी खतरनाक यॉर्कर का अहम रोल रहा है।
लंबे समय तक खेले टेनिस बॉल क्रिकेट
20 वर्ष तक टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलने वाले नटराजन के करियर में उनके गुरु जयप्रकाश का बहुत बड़ा हाथ रहा है। जिन्होंने उन्हें लेदर बॉल से खेलने के लिए उत्साहित ही नहीं ट्रेंनिंग भी दी। हालांकि साल 2016 में जब वह परिधि पर छाने ही वाले थे तभी उनके गेंदबाजी एक्शन पर सवालिया निशान उठे। जिसे उन्होंने कई पूर्व क्रिकेटरों की सलाह पर सही किया और दोबारा मैदान पर लौटे।
यॉर्कर के हैं बादशाह
भारत के यॉर्कर स्पेशलिस्ट जसप्रीत बुमराह के बाद नटराजन को खासतौर पर यॉर्कर का विशेषज्ञ माना जाता है। उनकी स्पीड 130 से अधिक है और उनमें ये कुव्वत देखी गई है कि वह लगातार परफेक्ट लाइन पर यॉर्कर फेंक सकते हैं। टेनिस बॉल से लंबे समय तक गेंदबाजी करने से नटराजन को अपना रिलीज पॉइंट बहुत अच्छे से पता है। जिसके चलते वह लगातार पंजों को घायल कर देने वाले यॉर्कर करने में सक्षम रहते हैं।
डिविलियर्स को किया था बोल्ड
आईपीएल 2020 के दौरान एलिमिनेटर राउंड में नटराजन ने अपनी शानदार यॉर्कर बॉल से एबी डिविलियर्स घुटनों पर ला दिया था। जिस गेंद पर उन्होंने डिविलियर्स को आउट किया था, उसे बॉल ऑफ द टूर्नामेंट भी कहा गया था। 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नटराजन की सटीक यॉर्कर बल्लेबाजों के लिए कठिन चुनौती रही है। खासकर डेथ ओवर में उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए बढ़िया गेंदबाजी की।