ऑस्ट्रेलियाई टीम के जर्सी पर सुनहरी कलाकृति क्यों बनी है

भारत के साथ तीन मैचों की टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम की जर्सी में बेहद खास कलाकृति बनी हुई है। जिसे पहनकर टीम मैदान में होगी। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम की जर्सी के कॉलर पर यही स्वर्णिम रंग के फूल की कलाकृति एशेज सीरीज के दौरान दिखी थी। इस आकृति के बारे में जानने की लोगों की खासी जिज्ञासा है।

फियोना क्लार्क ने इसे है उकेरा

वास्तव में कॉलर पर बनी ये सुनहरे रंग की कलाकृति ऑस्ट्रेलियाई कला “वॉकएबाउट विकेट्स” का प्रतिनिधित्व करती है। जिसे फियोना क्लार्क ने बनाया है। सन् 1868 में ऑस्ट्रेलिया की आदिवासी(एबॉरिजिनल) टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। उस टीम के सदस्य रहे मॉस्कीटो के पर पोती हैं फियोना क्लार्क, जिन्होंने उस टीम की याद में वॉकएबाउट विकेट्स आर्टवर्क बनाया है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम इस कलाकृति के माध्यम से देती है एकता का संदेश
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक शर्ट पर अलंकरित ये प्रतीक इस बात का सूचक है कि एक टीम के रूप में ऑस्ट्रेलिया आदिवासियों और टोरेस स्ट्रेट द्वीप के लोगों के साथ है। साथ ही खेलों का गढ़ माना जाने वाला ये देश हमेशा एक है।
कलाकृति का पूरा मतलब

ये कलाकृति अतीत, वर्तमान और भविष्य के आदिवासी क्रिकेटरों का प्रतिनिधित्व करती है। कलाकृति का बड़ा वृत लॉर्ड्स को दर्शाता है, जबकि छोटा वृत टीम के अन्य जगहों की मीटिंग को दर्शाता है। सन् 1868 में इंग्लैंड के दौरे पर गई इस टीम ने ज्यादातर मुकाबले लॉर्ड्स पर खेले थे, जबकि दूसरे स्थानों पर कम मैच खेले थे। कलाकृति में बने विकेट पर गिल्लियां नहीं हैं, जो ये दर्शाता है कि खेल अनवरत जारी है। जबकि उड़ते हुए स्टंप्स का मतलब ये है कि आदिवासी क्रिकेटरों ने क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड को उन्हीं के घर में हराने में सफलता पाई थी।
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पहला क्रिकेट दौरा
150 वर्ष के क्रिकेटीय इतिहास में एबॉरिजिनल यानी आदिवासी एकादश पहली ऑस्ट्रेलियाई टीम थी, जो इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। 13 सदस्यीय ये टीम मूलतः वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट से थी, जो पहली बार अंतरराष्ट्रीय दौरे पर गई थी। इस टीम ने इंग्लैंड में 14 मैचों में जीत, 14 में हार और 19 मुकाबले ड्रॉ खेले थे।
साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया ने जारी किया था डाक टिकट
